Friday 24 February 2017

PAP Staining (Cytolog - Papanicolaou Staining)

PAP Staining


Introduction Of PAP Staining –

Cytology विज्ञान की वह शाखा है जिसमें जीव कोशिकाओं का अध्ययन किया जाता है। और Cytopathology विज्ञान की वह शाखा है जिसमें बीमार कोशिकाओं (Diseased Cells) के उपचार,लक्षण,कारण का अध्ययन किया जाता है।

 PAP Staining cytopathology Lab में सर्वाधिक प्रयोग किया जाने वाला Staining Method है। इस Staining का इजाद Dr. Papanicolaou ने किया ।
Dr. Papanicolaou ने Trichrom Stain (tri – three, chrom- color) का विकास किया जो आज सभी cytology laboratory में प्रयोग किया जाता है

Trichrom तीन प्रकार के Stains का combination होता है जिसमें

1) Heamatoxylin (Used For Nuclear Stain)
 2) OG-6 (Used For Keratin Stain)
 3) EA-36 or EA-50 (Eosin Azure-50) (Used for Cytoplasm of         Squamous Epithelial cell, Nucleoli और RBC)

उपरोक्त तीन Stains प्रयोग होते है।


Preparation of Slides – 

Cytology में कई तरह के Tumor और Cancer के सैम्पल लैबरेटरी में आते है जिसकी Slide को प्राय: पैथलाजिस्ट ही F.N.A.C.(Fine Needle Aspiration Cytology) और Bruishing  के द्वारा तैयार करते है और फिर Slide को 95% alcohol में Dip करके Smear को Fix कर लेते है।
  
PAP Staining में प्रयुक्त होने वाली सामग्री

1)      Haris Hematoxylin
2)      HCl – 0.5%
3)      OG – 6
OG 6
4)      EA – 36 or EA - 50
EA 50
5)      Ethenol (Alcohol Absolute,95%,80%,70%,60%,50%)

Alcohol
6)      Distilled Water
7)      Xylene
8)      DPX (for mounting)
9)      Cover slip
10)    Slide Stain Tub
Stain Tub



Composition और Preparation of Reagents –


1)      Harri’s Hematoxylin


a)      Hematoxylin – 5gm

b)      Ethanol – 50ml

c)       Potassium alum – 100gm

d)      Distilled water(50*c) – 1000ml

e)      Mercuric Oxide – 2-5gm

f)       Glacial acetic acid – 40ml


2)      Orange G-6


a)      Orange G(10% Aqueous) – 50ml

b)      Alcohol – 950ml

c)       Phosphotungustic acid – 0-15gm


3)      EA 50


a)      0.04 M(Molarities) light green SF – 10ml

b)      0.3 M(Molarities) eosin Y – 20ml

c)       Phosphotungustic acid – 2gm

d)      Alcohol – 750ml

e)      Methanol – 250ml

f)       Glacial acetic acide – 20ml

   
 सभी stains को प्रयोग करने से पहले Filter कर लेते हैं।


  PAP Staining की विधि –

1)      सबसे पहले 15 minute के लिए स्लाइड को 95% alcohol में Dip करते है ताकि smear fix हो जाए।


2)      अब Slide को 2 मिनट के लिए 80% alcohol में Dip करते हैं, और फिर 2 मिनट के लिए 60% alcohol में Dip करते हैं।


3)      अब Slide को दो बार पाँच पाँच मिनट के लिए Distilled Water में Dip करते है ताकि Slide से alcohol हट जाए।


4)      अब Slide को 3-4 मिनट के लिए Hematoxylin stain में Dip करते है।
Hematoxylin Stain


5)      अब Slide को 3 मिनट के लिए Distilled Water  में Dip करते है।
6)   अब Slide को 0.5% HCl में 10 सेकन्ड के लिए Dip करते हैं।

7) अब Slide को 3 मिनट के लिए Distilled Water  में Dip करते है।

8)  For Dehydration, Slide को दो-दो मिनट के लिए 60% फिर 80% और फिर 95% concentration के alcohol मे Dip करते है।


9)  अब Slide को 3 मिनट के लिए First Counter stain OG-6(Orange Green-6) में Dip करते है। 

OG-6 Stain

10)  अब Slide को 2 बार(2 time) 2 मिनट के लिए 95% concentration के alcohol मे Dip करते है।


11)   अब Slide को 3 मिनट के लिए Second Counter stain EA- 36 or EA- 50(Eosin Azure Stain- 36 or Eosin Azure Stain- 50) में Dip करते है।
EA-50 Stain


12)   अब Slide को 2 बार(2 time) 2 मिनट के लिए 95% concentration के alcohol मे Dip करते है।


13)   अब Slide को 2 बार(2 time) 2 मिनट के लिए Absolute Alcohol (100% alcohol) मे Dip करते है।


14)   अब Slide को 3 बार(3 time) 2 मिनट के लिए Xylene में Dip करते है ताकि smear से alcohol निकल जाए ।


15)   अब smear को Dry होने देते है, जिसके बाद Smear  पर एक drop DPX  डालते है और smear पर cover slip रखके smear को permanent बना लेते है।


16)   अब हमारा Slide microscopic Examination के लिए तैयार है।   
(This is regressive nuclear staining technique of PAP Staining)


धन्यवाद



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Saturday 18 February 2017

Ziehl-Neelsen Stain or Acid Fast Stain


AFB Stain or ZN Stain का प्रयोग माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरकुलोसिस और माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक जीवाणु के पहचान के लिए किया जाता है
 माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक जीवाणु  त्वचा रोग उत्पन्न करते है।
लेप्रोसी

माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु ट्यूबरकुलोसिस  (T.B.) रोग उत्पन्न करते है। 

Ziehl Neelsen Stain or Acid Fast Bacilli Stain-
 माइक्रोबायोलॉजी में एसिड फ़ास्ट बेसीलाई स्टेनिंग में पहले से कलेक्ट किये गए सैंपल (स्पुटम या बलगम) से स्मीयर बनाते है और फिर उस स्मीयर को स्टेन या कलर करके माइक्रोस्कोप के द्वारा बीमारी के कारक का या जीवाणु का परीछण करते है।

Part 1
स्मीयर बनाने की विधि -

a) आवश्यक  सामग्री -
 1) स्लाइड
Glass Slide
 2) वायर लूप
Wire Loop
3) Glass मार्किंग पेंसिल
Glass Marking Pencile
4) स्पिरिट लैंप या बर्नर
Sprite Lamp 

b) विधि - 
1 ) सभी आवश्यक उपकरणों को वर्किंग टेबल जहाँ पर कार्य करना है वहां पर एकत्र कर लें।

2 )  अब स्लाइड लें और उसके दोनों हिस्सो को स्पिरिट लैम्प या बर्नर की लौ के ऊपर से दो से तीन बार गुजारें ताकि स्लाइड जीवाणु रहित हो जाए, इस प्रक्रिया को ग्रीस फ्री कहते है।

3 )  अब स्लाइड मार्किंग पेन्सिल से स्लाइड पर मार्क (निशान ) करें। ( जैसे- मरीज का नाम ,सीरियल नंबर ,स्टेनिंग का नाम आदि )

4 )  अब  वायर  लूप लें, लूप को चेक करे कि लूप सही है या नहीं, चेक करने के बाद वायर लूप को लैंप की लौ में तब तक गर्म करते है जब तक वह गर्म होकर लाल न हो जाए, इस प्रक्रिया  को स्टरलाइजेशन कहते है। इससे जीवाणु नष्ट हो जाते है और वायर लूप जीवाणु रहित हो जाता है
स्टरलाइजेशन
 नोट- 
(Wire loop Holding Position - जिस तरह कलम या पेन को पकड़ते है ठीक उसी तरह से वायर लूप को भी पकड़ते है )  


वायर लूप होल्डिंग पोजीशन

5 ) अब वायर लूप को कुछ सेकंड तक ठंडा होने दे, इसके बाद  लूप को सैंपल वाले कंटेनर में डिप कराएं और  लूप को चेक करे की सैंपल सही तरीके से लूप में आया है की नहीं।

6 ) अब लूप को स्लाइड के बीचों बीच रखे और एक अण्डकार संरचना (Oval shape) बनाये।

नोट- 
(Slide Holding Position - स्मीयर बनाते समय स्लाइड को इंडेक्स फिंगर और थंब के बीच में रखते हैं )
स्लाइड होल्डिंग पोजीशन
7 ) इसके बाद लूप को दुबारा लैंप  में  गर्म  करें जब तक  लूप गर्म होकर लाल न हो जाए  इस प्रक्रिया को Re-sterilization  कहते है।
री -स्टरलाइजेशन
8 ) इसके बाद स्लाइड पर बने स्मीयर को  लैंप के  लौ के ऊपर से 4 -5 बार सावधानी पूर्वक गुजारते हैं ताकि हमारा स्मीयर पूरी तरह सूख जाए। इसमें तापमान का ध्यान देना होता है यदि स्लाइड  अधिक गर्म हो गयी  तो स्मीयर में मौजूद जीवाणु नष्ट हो जाएंगे अतः स्लाइड को थोड़े - थोड़े समय के अंतराल पर अपने हाँथ  की उलटी त्वचा पर टच कर -कर के चेक करते रहना पड़ता है। इस प्रक्रिया को हीट फिक्स कहते है।

9 ) इस प्रक्रिया के बाद हमारा स्मीयर स्टेनिंग की प्रक्रिया के लिए तैयार हो जाता है।
Unstained Smear

   
Part 2 

स्टेनिंग में प्रयोग होने वाली आवश्यक सामग्री-
    1) Carbol Fuchsin
    2) Sulfuric Acid (5% for M.Lapry, 20% for M. Tuberculosis)
    3) Methylene Blue

स्टेनिंग की विधि -

1) Carbol Fuchsine को गर्म करते है और फिर १० मिनट के लिए हीट फिक्स स्मीयर पर डालते है। 
कार्बल फुचसीन

2 ) अब स्मीयर को टैप वाटर से सावधानी पूर्वक धुलते है। 
 3 ) अब कुछ second के लिए 5% और 20% H2SO4 डालते है और तुरंत ही उसे tap water से wash  कर लेते है। 
सल्फ्यूरिक  एसिड

4 ) अब smear को 1-2 मिनट के लिए methylene blue से cover करके रखते है और समय पूरा होने के पश्चात  इसे tap water से wash  कर लेते है। 
मेथिलीन ब्लू

5 ) अब स्मीयर को ड्राई होने देते है और फिर स्लाइड को oil immersion लेंस में examine करते है।  
 
माइक्रोस्कोप
 Result of Staining -

M. Tuberculosis

धन्यवाद 

This Post Is Written By
 Sujeet Chaudhari