Saturday 18 February 2017

Ziehl-Neelsen Stain or Acid Fast Stain


AFB Stain or ZN Stain का प्रयोग माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरकुलोसिस और माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक जीवाणु के पहचान के लिए किया जाता है
 माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक जीवाणु  त्वचा रोग उत्पन्न करते है।
लेप्रोसी

माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु ट्यूबरकुलोसिस  (T.B.) रोग उत्पन्न करते है। 

Ziehl Neelsen Stain or Acid Fast Bacilli Stain-
 माइक्रोबायोलॉजी में एसिड फ़ास्ट बेसीलाई स्टेनिंग में पहले से कलेक्ट किये गए सैंपल (स्पुटम या बलगम) से स्मीयर बनाते है और फिर उस स्मीयर को स्टेन या कलर करके माइक्रोस्कोप के द्वारा बीमारी के कारक का या जीवाणु का परीछण करते है।

Part 1
स्मीयर बनाने की विधि -

a) आवश्यक  सामग्री -
 1) स्लाइड
Glass Slide
 2) वायर लूप
Wire Loop
3) Glass मार्किंग पेंसिल
Glass Marking Pencile
4) स्पिरिट लैंप या बर्नर
Sprite Lamp 

b) विधि - 
1 ) सभी आवश्यक उपकरणों को वर्किंग टेबल जहाँ पर कार्य करना है वहां पर एकत्र कर लें।

2 )  अब स्लाइड लें और उसके दोनों हिस्सो को स्पिरिट लैम्प या बर्नर की लौ के ऊपर से दो से तीन बार गुजारें ताकि स्लाइड जीवाणु रहित हो जाए, इस प्रक्रिया को ग्रीस फ्री कहते है।

3 )  अब स्लाइड मार्किंग पेन्सिल से स्लाइड पर मार्क (निशान ) करें। ( जैसे- मरीज का नाम ,सीरियल नंबर ,स्टेनिंग का नाम आदि )

4 )  अब  वायर  लूप लें, लूप को चेक करे कि लूप सही है या नहीं, चेक करने के बाद वायर लूप को लैंप की लौ में तब तक गर्म करते है जब तक वह गर्म होकर लाल न हो जाए, इस प्रक्रिया  को स्टरलाइजेशन कहते है। इससे जीवाणु नष्ट हो जाते है और वायर लूप जीवाणु रहित हो जाता है
स्टरलाइजेशन
 नोट- 
(Wire loop Holding Position - जिस तरह कलम या पेन को पकड़ते है ठीक उसी तरह से वायर लूप को भी पकड़ते है )  


वायर लूप होल्डिंग पोजीशन

5 ) अब वायर लूप को कुछ सेकंड तक ठंडा होने दे, इसके बाद  लूप को सैंपल वाले कंटेनर में डिप कराएं और  लूप को चेक करे की सैंपल सही तरीके से लूप में आया है की नहीं।

6 ) अब लूप को स्लाइड के बीचों बीच रखे और एक अण्डकार संरचना (Oval shape) बनाये।

नोट- 
(Slide Holding Position - स्मीयर बनाते समय स्लाइड को इंडेक्स फिंगर और थंब के बीच में रखते हैं )
स्लाइड होल्डिंग पोजीशन
7 ) इसके बाद लूप को दुबारा लैंप  में  गर्म  करें जब तक  लूप गर्म होकर लाल न हो जाए  इस प्रक्रिया को Re-sterilization  कहते है।
री -स्टरलाइजेशन
8 ) इसके बाद स्लाइड पर बने स्मीयर को  लैंप के  लौ के ऊपर से 4 -5 बार सावधानी पूर्वक गुजारते हैं ताकि हमारा स्मीयर पूरी तरह सूख जाए। इसमें तापमान का ध्यान देना होता है यदि स्लाइड  अधिक गर्म हो गयी  तो स्मीयर में मौजूद जीवाणु नष्ट हो जाएंगे अतः स्लाइड को थोड़े - थोड़े समय के अंतराल पर अपने हाँथ  की उलटी त्वचा पर टच कर -कर के चेक करते रहना पड़ता है। इस प्रक्रिया को हीट फिक्स कहते है।

9 ) इस प्रक्रिया के बाद हमारा स्मीयर स्टेनिंग की प्रक्रिया के लिए तैयार हो जाता है।
Unstained Smear

   
Part 2 

स्टेनिंग में प्रयोग होने वाली आवश्यक सामग्री-
    1) Carbol Fuchsin
    2) Sulfuric Acid (5% for M.Lapry, 20% for M. Tuberculosis)
    3) Methylene Blue

स्टेनिंग की विधि -

1) Carbol Fuchsine को गर्म करते है और फिर १० मिनट के लिए हीट फिक्स स्मीयर पर डालते है। 
कार्बल फुचसीन

2 ) अब स्मीयर को टैप वाटर से सावधानी पूर्वक धुलते है। 
 3 ) अब कुछ second के लिए 5% और 20% H2SO4 डालते है और तुरंत ही उसे tap water से wash  कर लेते है। 
सल्फ्यूरिक  एसिड

4 ) अब smear को 1-2 मिनट के लिए methylene blue से cover करके रखते है और समय पूरा होने के पश्चात  इसे tap water से wash  कर लेते है। 
मेथिलीन ब्लू

5 ) अब स्मीयर को ड्राई होने देते है और फिर स्लाइड को oil immersion लेंस में examine करते है।  
 
माइक्रोस्कोप
 Result of Staining -

M. Tuberculosis

धन्यवाद 

This Post Is Written By
 Sujeet Chaudhari
 

1 comment:

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