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Sunday, 5 February 2017

Specimen Collection

स्पेसिमेन कलेक्शन या सैंपल कलेक्शन सभी लैब तकनीशियन के कार्य का एक अभिन्न अंग है। सभी तकनीशियन को सैंपल कलेक्ट करना, सही जगह, सही तापमान पर रखने का ज्ञान होना जरुरी है। सैंपल की जाँच यदि सही समय पर न लगायी जाय तो एक निश्चित समय बाद वह ख़राब होने लगता है इसलिए जितनी जल्दी जाँच लगा दी जाय उतनी ही अच्छी रीडिंग मिलेगी 

स्पेसिमेन या सैंपल के प्रकार - 
a)  ब्लड सैंपल 
b ) स्पुटम (बलगम )
c )  CSF (Cerebrospinal fluid)
d ) यूरिन 
e ) Stool 
f ) OTHER बॉडी फ्लूइड 

सैंपल कलेक्शन कॉन्टेनर - 
1)ब्लड कलेक्शन कॉन्टेनर - ब्लड को हम टेस्ट के आधार पर अलग अलग वस्क्यूटेनर में रखते है

जैसे -

 VIALS                                                        TESTS

EDTA VIAL (PURPLE CAP)  -  CBC,ABO-Rh,GBP OR PBS, ESR, PCV, MP FOR SMEAR 

FLUORIDE VIAL (GREY CAP) -  ALL SUGAR TEST

PLAIN VIAL (RED CAP)- BIOCHEMISTRY AND SEROLOGICAL TEST (LFT, KFT, RA,CRP etc) 

SSGT VIAL (YELLOW CAP) - USED AS PLAIN VIAL

Na CITRATE (LIGHT BLUE CAP) -  PT, aPTT, TT

2) अन्य सैंपल कॉन्टेनर (स्पुटम,यूरिन,CSF etc )


ब्लड कलेक्शन मे सहायक उपकरण - 
1) ग्लब्स 


2) कॉटन स्वेब 

3) स्टेरल सिरिंज या लेंसेंट ओर नीडल

4) स्पिरिट या अल्कोहल 

5) टॉरनिकुइट

6) वक्यूटेनेर या वायल 


 ब्लड कलेक्शन की तकनीक -

A) स्किन या केपिलरी पंक्चर -
 इस तकनीक का प्रयोग तब करते है जब हमें तुरंत जांच लगनीं होती है इसका प्रयोग हीमोग्लोबिन ,ब्लीडिंग टाइम , क्लोटिंग टाइम आदि की जाँच में करते है 

 स्किन पंचर की विधि -
1 ) सबसे पहले सभी उपयुक्त वस्तुओं को एकत्र कर ले (लेंसेंट , कॉटन वूल  रुई , स्पिरिट ,कंटेनर )
2) फिर हाथो में ग्लब्स पहने
3 ) पेशेंट के मिडल फिंगर या इंडेक्स फिंगर जिसे पंक्चर करना है सेलेक्ट करे 
4 ) अब उस फिंगर ओके स्पिरिट वाले कॉटन से साफ करे ताकि उसपर मौजूद कीटाणु नस्ट हो जाये 
5  )  लेंसेंट या नीडल ले और उसे फिंगर में इंसर्ट करे  और ब्लड को कंटेनर में कलेक्ट कर ले 
6  ) अब फिंगर पर कॉटन लगाइये और कुछ समय तक उसे दबाये रखने के लिए कहे जब तक ब्लड रुक न जाय

B) वेन पंक्चर - हर जगह अधिकतर इस तकनीक का प्रयोग किया जाता है इसका इस्तेमाल सभी तरह के जाँच के लिए किया जा सकता है जैसे लिवर प्रोफाइल ,किडनी प्रोफाइल ,ब्लड शुगर, थायराइड आदि में 
 
 वेन पंक्चर की विधि
1) सबसे पहले सभी उपयुक्त वस्तुओं को एकत्र कर ले (सिरिंज , कॉटन वूल या  रुई , स्पिरिट ,कंटेनर टॉरनिकुइट )
2 ) फिर हाथो में ग्लब्स पहने 
3 ) पेशेंट के दांये या बांये हाँथ में जिधर से ब्लड लेना हो सेलेक्ट करे और फिर कोहनी  लगभग तीन इंच ऊपर टॉरनिकुइट बांधे और मुट्ठी बाँधने को कहे 
4 )अब अपनी इंडेक्स फिंगर से वीन को छू कर महसूस करे जब वीन  मिल जाये तो उस पर स्पिरिट स्वेब लगाकर उस जगह को कीटाणु रहित बना ले
5 )अब सिरिंज ले और चेक करे की हमारा सिरिंज ठीक है या नहीं और नीडल को टाइट करे  
6 )अब नीडल के छिद्र को ऊपर रखते हुए उसे 25 -35  डिग्री के एंगल से होते हुए स्किन से वीन में प्रवेश कराइये 
7 )अब सिरिंज के और नीडल के बीच में देखिये यदि वह ब्लड की बूँद दिखती है तो सिरिंज के पिस्टन को धीरे धीरे खीचिए और आवश्यकतानुसार सैंपल ले लीजिये 
8 )अब टॉरनिकुइट  खोलिये, पंक्चर वाली जगह पर कॉटन रखिये और नीडल को  निकाल लीजिये और मरीज से कहे की मुट्ठी खोल  कर हाँथ को  मोड़ ले 
9 )अब नीडल का ढक्कन बंद करे और सिरिंज से नीडल को  निकाल ले फिर ब्लड को कंटेनर में टेस्ट के अनुसार रख ले 
10) अब कंटेनर पर  मरीज की डिटेल लिख  कर उसे रख दे। 

C) आर्टरी पंक्चर - इसका इस्तेमाल केवल कुछ विशेष जांचो के लिए किया जाता है जैसे आर्टिरियल ब्लड गैस की जांच में।                 


 आर्टरी पंक्चर की विधि -
इसकी विधि भी वीन पंक्चर की तरह है। 


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धन्यवाद



                      
This Post Is Written By
                                                                              Sujeet Chaudhari