Pages

Sunday, 12 February 2017

Gram's Staining

Gram's Staining

ग्राम्स स्टेनिंग -
स्मीयर का मतलब होता है दाग या धब्बा और स्टेनिंग  मतलब होता रंगना या कलर करना। माइक्रोबायोलॉजी में ग्राम्स स्टेनिंग में पहले से कलेक्ट किये गए सैंपल (पस ,यूरिन ,स्पुटम या बलगम ,सेरीब्रो स्पाइनल फ्लूड या CSF ) से स्मीयर बनाते है और फिर उस स्मीयर को स्टेन या कलर करके माइक्रोस्कोप के द्वारा बीमारी के कारक का या जीवाणु का परीछण करते है।

Part 1
स्मीयर बनाने की विधि -

a) आवश्यक  सामग्री -
 1) स्लाइड
Glass Slide
 2) वायर लूप
Wire Loop
3) Glass मार्किंग पेंसिल
Glass Marking Pencile
4) स्पिरिट लैंप या बर्नर
Sprite Lamp 

b) विधि - 
1 ) सभी आवश्यक उपकरणों को वर्किंग टेबल जहाँ पर कार्य करना है वहां पर एकत्र कर लें।

2 )  अब स्लाइड लें और उसके दोनों हिस्सो को स्पिरिट लैम्प या बर्नर की लौ के ऊपर से दो से तीन बार गुजारें ताकि स्लाइड जीवाणु रहित हो जाए, इस प्रक्रिया को ग्रीस फ्री कहते है।

3 )  अब स्लाइड मार्किंग पेन्सिल से स्लाइड पर मार्क (निशान ) करें। ( जैसे- मरीज का नाम ,सीरियल नंबर ,स्टेनिंग का नाम आदि )

4 )  अब  वायर  लूप लें, लूप को चेक करे कि लूप सही है या नहीं, चेक करने के बाद वायर लूप को लैंप की लौ में तब तक गर्म करते है जब तक वह गर्म होकर लाल न हो जाए, इस प्रक्रिया  को स्टरलाइजेशन कहते है। इससे जीवाणु नष्ट हो जाते है और वायर लूप जीवाणु रहित हो जाता है
स्टरलाइजेशन
 नोट- 
(Wire loop Holding Position - जिस तरह कलम या पेन को पकड़ते है ठीक उसी तरह से वायर लूप को भी पकड़ते है )  


वायर लूप होल्डिंग पोजीशन

5 ) अब वायर लूप को कुछ सेकंड तक ठंडा होने दे, इसके बाद  लूप को सैंपल वाले कंटेनर में डिप कराएं और  लूप को चेक करे की सैंपल सही तरीके से लूप में आया है की नहीं।

6 ) अब लूप को स्लाइड के बीचों बीच रखे और एक अण्डकार संरचना (Oval shape) बनाये।

नोट- 
(Slide Holding Position - स्मीयर बनाते समय स्लाइड को इंडेक्स फिंगर और थंब के बीच में रखते हैं )
स्लाइड होल्डिंग पोजीशन

7 ) इसके बाद लूप को दुबारा लैंप  में  गर्म  करें जब तक  लूप गर्म होकर लाल न हो जाए  इस प्रक्रिया को Re-sterilization  कहते है।
री -स्टरलाइजेशन
8 ) इसके बाद स्लाइड पर बने स्मीयर को  लैंप के  लौ के ऊपर से 4 -5 बार सावधानी पूर्वक गुजारते हैं ताकि हमारा स्मीयर पूरी तरह सूख जाए। इसमें तापमान का ध्यान देना होता है यदि स्लाइड  अधिक गर्म हो गयी  तो स्मीयर में मौजूद जीवाणु नष्ट हो जाएंगे अतः स्लाइड को थोड़े - थोड़े समय के अंतराल पर अपने हाँथ  की उलटी त्वचा पर टच कर -कर के चेक करते रहना पड़ता है। इस प्रक्रिया को हीट फिक्स कहते है।

9 ) इस प्रक्रिया के बाद हमारा स्मीयर स्टेनिंग की प्रक्रिया के लिए तैयार हो जाता है।
Unstained Smear



Part 2

स्टेनिंग की विधि -

a) आवश्यक सामग्री -

1 ) क्रिस्टल वायलेट
Crystal Violet

2 ) ग्राम्स आयोडीन
Gram's Iodine

3 ) एसीटोन
Acetone
4 ) ग्राम्स सफ़्फ़्रेनिन
Saffranine
5 ) टैप वाटर
Tap Water

b) विधि -
1 ) हीट फिक्स स्मीयर को सबसे पहले क्रिस्टल वायलेट से 1 -2  मिनट के लिए कवर करते है,समय पूरा होने के बाद इसे टैप वाटर में धुल लेते है।
Cover With Crystal Violet


2 )  अब स्मीयर को 1 -2 मिनट के लिए ग्राम्स आयोडीन से कवर कर देते है और समय पूरा होने के बाद इसे टैप वाटर में पुनः धुल लेते है।
Cover With Gram's Iodine


3 ) अब स्मीयर  पर एसीटोन डालते है और तुरंत ही इसे टैप वाटर से धुल देते है।
Discolouration With Aceton

4 ) अब स्मीयर को 1 -2  मिनट के लिए सफ़्फ़्रेनिन  से कवर करके काउंटर स्टेन करते है और समय पूरा होने के बाद इसे टैप वाटर में धुल लेते है।
Cover With Saffranine
Wash into Tap Water

5 ) अब इसे सूखने के लिए रख देते है
Dry stained smear

6) इस  प्रक्रिया के बाद हमारा स्मीयर माइक्रोस्कोप के ऑयल इमर्शन लेंस में जांच लगने के लिए तैयार  है। 



धन्यवाद। 

This Post Is Written By
 Sujeet Chaudhari


No comments:

Post a Comment